मेरा सफर मेरे लिए मायने रखता है,,
वो लोग कुछ और हैं जो मंजिल चाहते है,,,
मैं तो तन्हाई से घर को सजाता हु,,
वो लोग कुछ और है जो मेंहेफिल चाहते है,,
मैं तो अपने किरदार से ही उसका नाम पूछता हु,,
वो लोग कुछ और है तो बदले मैं हांसिल चाहते है,,,
मैं तो ज़मी से फलक तक हर शै में बिखरा हु,,
वो लोग कुछ और है जो मेरी तफसील चाहते है,,,"काश्
1 comment:
masha allah
likhte raho .
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